Great gift for employees: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उपचुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने का निर्णय किया है। यह फैसला राज्य के 2,217 कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। आइए इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में विस्तार से जानें।
फैसले का विवरण:
- सरकार इस फैसले पर 11 करोड़ 54 लाख रुपये खर्च करेगी।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
- इसके तहत चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को एक महीने के मूल वेतन के बराबर अतिरिक्त मानदेय मिलेगा !
किसको कितना मिलेगा?
- सभी 75 जिला निर्वाचन अधिकारियों को 1.2 लाख रुपये मिलेंगे।
- रिटर्निंग ऑफिसर को 60 हजार रुपये, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को 50 हजार रुपये मिलेंगे।
- निर्वाचन अनुभाग के कर्मचारियों को 41 हजार से 86 हजार रुपये तक मिलेंगे।
- जिला निर्वाचन कार्यालयों में तैनात उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को 90 हजार रुपये मिलेंगे।
- सहायक जिला निर्वाचन अधिकारियों और प्रधान सहायकों को 55 हजार रुपये मिलेंगे।
- वरिष्ठ सहायक को 50 हजार रुपये और कनिष्ठ सहायक को 25 हजार रुपये मिलेंगे।
कर्मचारी संघों की मांग
इस फैसले के बाद भी कुछ कर्मचारी संघों ने अपनी चिंताएं जताई हैं:
- इसके बाद विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है ! कि चुनाव में लगे सभी कर्मचारियों को अतिरिक्त मानदेय दिया जाना चाहिए !
- संयुक्त मोर्चा के प्रदेश सचिव दिलीप चौहान का कहना है कि सिर्फ निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों को अतिरिक्त वेतन देना उचित नहीं है।
- एसोसिएशन का मानना है कि बीएलओ, सुपरवाइजर, शिक्षक, शिक्षामित्र और अन्य कर्मचारियों को भी इस लाभ में शामिल किया जाना चाहिए।
इस फैसले का महत्व:
- यह फैसला चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में काम करेगा।
- इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपना काम और अधिक जोश के साथ करेंगे।
- यह निर्णय सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीतियों को दर्शाता है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं:
- सभी चुनाव कर्मियों को इस लाभ में शामिल न करना असमानता पैदा कर सकता है।
- इससे अन्य कर्मचारियों में असंतोष पैदा हो सकता है जो इस लाभ से वंचित रह गए हैं।
- सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से चुनाव प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। यह उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का सम्मान करता है। हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह लाभ न्यायसंगत तरीके से सभी पात्र कर्मचारियों तक पहुंचे। इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि चुनाव प्रक्रिया की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। आने वाले समय में, सरकार को इस तरह के फैसलों में और अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि सभी योगदानकर्ताओं को उचित मान्यता मिल सके।