New Rules: सितंबर का महीना शुरू होते ही देश के लोगों को महंगाई का एक और झटका लगा है। 1 सितंबर 2024 को सुबह-सुबह ही एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। यह बढ़ोतरी खासकर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए उपयोग होने वाले 19 किलोग्राम वाले सिलेंडर में की गई है। आइए जानें इस बदलाव के बारे में विस्तार से।
कीमतों में क्या बदलाव हुआ?
- व्यावसायिक सिलेंडर (19 किलोग्राम):
- दिल्ली में अब 1691.50 रुपये
- कोलकाता में 1802.50 रुपये
- मुंबई में 1644 रुपये
- चेन्नई में 1855 रुपये
- उत्तर प्रदेश में 1842 रुपये
इस बढ़ोतरी के साथ, व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत में औसतन 39 रुपये की वृद्धि हुई है।
- घरेलू सिलेंडर (14.2 किलोग्राम):
- दिल्ली में 803 रुपये
- कोलकाता में 829 रुपये
- मुंबई में 802 रुपये
- चेन्नई में 818.50 रुपये
- उत्तर प्रदेश में 840.50 रुपये
आम उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए राहत
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत 603 रुपये बनी हुई है। यह योजना गरीब परिवारों को सस्ते दामों पर गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी।
पिछले महीनों में क्या रहा है रुख?
- जुलाई 2024: इस महीने में व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई थी। दिल्ली में 30 रुपये की कमी आई थी।
- अगस्त 2024: इस महीने में भी कीमतों में मामूली बदलाव देखने को मिला।
यह बदलाव क्यों होता है?
एलपीजी की कीमतें हर महीने की पहली तारीख को तय की जाती हैं। इसमें कई कारक भूमिका निभाते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें
- रुपये की विदेशी मुद्राओं के मुकाबले कीमत
- मांग और आपूर्ति का संतुलन
- सरकारी नीतियां और टैक्स
इस बदलाव का क्या असर होगा?
- व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर असर:
- रेस्तरां, होटल, और अन्य खाद्य व्यवसाय महंगाई का सामना करेंगे।
- इससे खाने-पीने की चीजों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
- आम जनता पर असर:
- घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बदलाव न होने से सीधा असर नहीं पड़ेगा।
- लेकिन व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत बढ़ने से अप्रत्यक्ष रूप से महंगाई बढ़ सकती है।
- सरकार पर दबाव:
- महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
- विपक्षी दल इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
एलपीजी की कीमतों में यह बदलाव एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। हालांकि इस बार सिर्फ व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसका असर आम लोगों पर भी पड़ सकता है। सरकार और तेल कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि कीमतों में बढ़ोतरी से आम जनता पर ज्यादा बोझ न पड़े। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी गैस का समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए ताकि खर्च को नियंत्रित किया जा सके।